धारा में बहने वाले न बनो !
जागृत हो या भ्रमित हो धारा,
धारा में बहते जाओगे ।
धारा को मोड़ने वाले बनो !
जागृत हो या भ्रमित हो धारा,
सही दिशा ले जाओगे ।
-प्रकाश 'पंकज'
पता नहीं अकस्मात् ये भावनाएँ क्यों झिंझोड़ जाती हैं । निमंत्रण बिना आती हैं और उद्वेलित कर चली जाती हैं ।
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