मंगलवार, 25 जनवरी 2011

हनुमान तो सबके भीतर है, जगाने वाले जामवंत की आवश्यकता है।

"उस युग के जामवंत"
"इस युग के जामवंत"
हनुमान तो सबके भीतर है,
जगाने वाले जामवंत की आवश्यकता है।