रविवार, 6 दिसंबर 2009

मानवता अवसाद हो गयी स्वान-संस्कृति उभर रही,

मानवता अवसाद हो गयी स्वान-संस्कृति उभर रही,
पर इसमें भी सुन्दरतम विश्वास्पात्रता कहाँ  रही ?

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