बुधवार, 1 दिसंबर 2010

अंगद सा हमने पद रोपा

ले नाम सियावर रामचन्द्र,
अंगद सा हमने पद रोपा।
है पूत कहीं ऐसा जग में
जो पाँव हमारे डिगा सके?  
 –प्रकाश ‘पंकज’


सन्दर्भ: अंगद की आस्था और विश्वास

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