यदि आप खुद को मुझसे छोटा समझते हैं,
मैं आपसे बहुत छोटा हूँ।
यदि आप मुझसे बड़े होने का दम्भ भरते हैं,
यदि आप मुझसे बड़े होने का दम्भ भरते हैं,
तो मैं आपसे भी बड़ा हूँ। – प्रकाश ‘पंकज’
पता नहीं अकस्मात् ये भावनाएँ क्यों झिंझोड़ जाती हैं । निमंत्रण बिना आती हैं और उद्वेलित कर चली जाती हैं ।
चंद शब्दों में गहरी बात कहना कोई आपसे सीखे...बहुत अच्छी रचना...
जवाब देंहटाएंye to mai bachpan se maanta aaaya hun..!!
जवाब देंहटाएंekdum sahi hai..!!
yahi to swabhiman hai!
जवाब देंहटाएंachchhi baat.
... bahut khoob !!
जवाब देंहटाएंBahut sahi baat...
जवाब देंहटाएंAgar tumhein lagta hai ki main tumhein sammaan doon, main taiyar hoon dene ke liye.
Bas ek baat - us sammaan ko kamaa kar dikhao ki tum us sammaan ko paane layak ho.
- Kanu