खाने की तड़प से ही तुमने कमाना सीखा ...
..... और कमाने की तड़प में खाना भूल गए – प्रकाश ‘पंकज’
..... और कमाने की तड़प में खाना भूल गए – प्रकाश ‘पंकज’
पता नहीं अकस्मात् ये भावनाएँ क्यों झिंझोड़ जाती हैं । निमंत्रण बिना आती हैं और उद्वेलित कर चली जाती हैं ।
Sach kaha ... Kamane ka nasha, tadap aisi hi hai ....
जवाब देंहटाएंVery informative, keep posting such good articles, it really helps to know about things.
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