शुक्रवार, 13 अगस्त 2010

कैसी है यह जागृति जब आँखें मूँद सब चल रहे ?

विकास के उन्माद में सब सो चुके हैं गहरी नींद।
कैसा है यह विकास जो विनाश को आमंत्रित कर रहा है ?
कैसी है यह जागृति जब आँखें मूँद सब चल रहे ?
कैसी है यह शिक्षा जो विनाश को प्रेरित करती है ?
प्रकृति के साथ मानव का कैसा यह संघर्ष है ?    - प्रकाश 'पंकज'

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