शनिवार, 25 जून 2011

भारत बनाम भ्रष्टाचार: जनता भींगेगी या बरसेगी?


बारिश हो रही है, भींगो न भींगो तुमपर है;
छत्र जो है तुम्हारे पास।

देश के मौसम भी कुछ ऐसे हैं 
कि खून बरसेगा हीं बरसेगा;
तब कोई छत्र न होगा, भींगना ही होगा
– प्रकाश ‘पंकज’


* छत्र ~ Savior

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