पिछले कुछ दिनों से मेरे मन की स्थिति दयनीय थी। चाह रहा था कुछ लिखना पर लिख नहीं पा रहा था। करुण स्थिति में लिखी गई यह कविता समाज के कुछ ऐसे कुख्यात प्रकार के लोगों को समर्पित है जो की "निम्न" हैं :
अनुच्छेद।।१।। कलमाड़ी, अशोक चव्हाण, ए. राजा और उन जैसे भ्रष्ट लोगों के लिए।
अनुच्छेद।।२।। आई.आई.पी.एम के चोटी वाले अरिंदम जी जैसे अन्य शिक्षा के व्यापारियों के लिए।
अनुच्छेद।।३।। गिलानी, अरुंधती जैसे अन्य देशद्रोहियों और राष्ट्र-विरोधियों के लिए जो देश की अखंडता पर चोट करते हैं।
कविता का पता (जरूर पढ़ें): 'पंकज-पत्र' पर पंकज की कुछ कविताएँ: प्रतिकार
अनुच्छेद।।३।। गिलानी, अरुंधती जैसे अन्य देशद्रोहियों और राष्ट्र-विरोधियों के लिए जो देश की अखंडता पर चोट करते हैं।
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